Sunday 7 September 2014

अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।

स्वयं विचार कीजिये :-
इतना कुछ होते हुए भी
शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...
मौन होना सब से बेहतर है। 

दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...
सफेद रंग सब से बेहतर है। 

खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...
उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है। 

पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..
पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है। 

देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...
बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है। 

सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...
अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है। 

जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...
सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतरहै।

इंसान के अंदर जो समा जाये वो
" स्वाभिमान "

और

जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
" अभिमान "

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