Tuesday 9 September 2014

मैं हर किसी मे जीवन हूं

आपका मन कहां आकर्षित होता हैं ? वह सुंदरता, प्रकाश और शक्ति के ओर आकर्षित होता हैं | भगवान श्री कृष्ण कहते हैं, कि जिसमे भी तुम्हारा मन आकर्षित हो, उसमे मुझे देखो | यदि कुछ सुंदर हैं तो वह इसलिए सुन्दर हैं क्योंकि उसमे जीवन हैं, और वही चेतना हैं | इसलिए मन स्तोत्र मे चला जाता हैं| भगवान श्री कृष्ण कहते हैं:सूर्य का प्रकाश मैं हूं| मैं जल की तरलता हूं | पृथ्वी की सुगंध मैं हूं | अग्नि मे अग्नि मैं ही हूं |
हम सूर्य समान पदार्थ से बने होते हैं | यदि सूर्य न हो तो पृथ्वी नहीं होगी और यदि पृथ्वी नहीं होगी तो आप नहीं होंगे |
यदि आप आज क्वांटम भौतिक विज्ञानिक से बात करेंगे तो वह भी यही बात कहेंगे कि सबकुछ एक ही तरंग से बना हैं |
यही बात भगवान श्री कृष्ण ने कही : मैं हर किसी मे जीवन हूं |
अपने मन के भीतरी गहन मे जाकर उस प्राण शक्ति को देखे जो हम सब हैं | 
मैं ही जीवन मे हूं |
जीवन भगवान हैं |भगवान कुछ जीवन के बहार नहीं हैं | जीवन दिव्यता हैं |

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